“Health conditions are going to be finished, all pains is going to be absent, each time a devotee repeatedly repeats Hanuman the brave’s title.”
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना ।
All through the long struggle, Hanuman played a job being a common in the military. For the duration of a single intensive battle, Lakshmana, Rama's brother, was fatally wounded; it was thought that he would die with no assist of the herb from a Himalayan mountain. Hanuman was the only real 1 who could make the journey so speedily, and was thus sent for the mountain.
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥ जो सत बार पाठ कर कोई ।
भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।
Janama janamaJanama janamaBirth after birth keKeOf dukhaDukhaUnhappiness / agony bisarāvaiBisarāvaiRemove / still left at the rear of This means: By singing your praise, a person finds Lord Rama and escapes from suffering/unhappiness in a great number of lives.
व्याख्या – संसार में रहकर मोक्ष (जन्म–मरण के बन्धन से मुक्ति) प्राप्त करना ही दुर्गम कार्य है, जो आपकी कृपा से सुलभ है।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन
व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा के पाठ की फलश्रुति इस तथा अगली चौपाई में बतलायी गयी है। संसार में किसी प्रकार के बन्धन से मुक्त होने के लिये प्रतिदिन सौ पाठ तथा दशांशरूप में ग्यारह पाठ, इस प्रकार एक सौ ग्यारह पाठ करना चाहिये। इससे व्यक्ति राघवेन्द्र प्रभु के सामीप्य का लाभ उठाकर अनन्त सुख प्राप्त करता है।
राम लखन सीता मन बसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥ जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
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“Putting the ring of Lord Rama as part of your mouth, you jumped and flew more than the Ocean to Lanka, more info there is no surprise in that.”
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।